हाल-ए-दिल
रह रह कर ना तुम्हारे ये सवाल मेरे कानों में अब भी गूंज पड़ते हैं , "क्या होगा तुम्हारा.. मेरे ना होने के बाद...??? हालाँकि मैच्यूरेटी जैसा थोडा कुछ तो तुम मुझे सिखाके गई ।।
कभी कोई कपड़े खरीदना हो तो,तुम्हें मैसेज कर के पूछना “बताओ जरा कौन सी अच्छी है" कभी मूड खराब हो तो,तुम्हेंमैसेज कर के बोलना“सुनो ना एक बात बतानी है’’ कभी तबियत खराब होती.. तुम्हें मैसेज कर के बोलते.. “ बहुत तेजसरदर्द हो रहा और फिर तुम्हारा मुझसे भी ज़्यादा परेशान रहना" कहीं भी कोई भी जगह जाके वीडियो कॉल करना…अयोध्या के गलियों और मंदिरों से तुमको रूबरू कराना …
सावन में सजी राम पैड़ी और सरयू के घाट के किनारे बैठ कर घंटों बतियाना ….’’
लेकिन फिर तुम्हारी वो आखिरी लाइन जो मुझे हर वक्त ख्वाब के दुनिया से सच्चाई की दुनियां में ला देती है
“सुनो ना.. तुम ये कब तक अकेले की जिंदगी जीओगे... कोई देख क्यूँ नहीं लेते अपने लिये.... तुम्हें पता है ना, मैं नहींहो सकती तुम्हारी.. सब दिन के हर सवालों का जवाब .🥀❤️
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