अनकही बातें
ऐसा है ना कि तुमसे मिलने को तुमको देखने को दिल तो करता है तो लेकिन क्या है ना की ये बीच में मेरी मोहब्बत आजाती है जो मानो या मानो आज भी ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है….
यक़ीन मानो इस मिडिल में भी मिडिल क्लास के लड़के से बेहतर प्यार आज भी तुमको कोई नहीं कर सकता ,तुम सिर्फ़ तुम नहीं हो मेरे लिए पूरी दुनिया थी,तुम्हारी बातों के आगे मैं ना चाहते हुए ख़ुद को रोक नहीं पाता था हालाँकि रोक तोआज भी नहीं पाता…
जानते हो अब ख़्वाबो से दूर भी अपनी एक दुनिया है
कभी आना तुम हक़ीक़त में ,जो सपने इन ख़्वाबो में संजोए थे ,अब उन सपनों को शायद मुक्कमल कर पाये ,इंतज़ार रहेगा तुम्हारा अब ख़्वाबो से दूर इस हक़ीक़त की दुनिया में….
मैं अरसों से सफ़र में हूँ लेकिन तुम बरसों से नहीं मिली मुझे ,मिलोगी ज़िंदगी के किसी मोड़ पर बस यही सोच के इतना लंबा सफ़र तह कर रख लिया है…ख़ैर इंतज़ार रहेगा उस पल का,पर सफ़र अच्छा है अगर नहीं रुका तो माफ़ करना ।।
वो किसी शायर का एक शेर नहीं है किआख़िरी बार देखना है उसे …फिर लगातार देखना है उसे बस
और फिर किसी ने सही ही कहा है कि अधूरी चीज़े भूलने में वक़्त तो लगता ही है ।।
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