अनकही बातें -1

मेरी फोन गैलेरी के एक अनचाहे फोल्डर में कुछ पुरानी तस्वीरे है तुम्हारी...जिनसे हर रोज़ बातें करता हूं मैं....
जब सैड सांग्स मेरे दिल मे कसक नही जगा पाते तब तुम्हारी कॉल रिकॉर्डिंग्स सुन लेता हूं...तुम्हारा नम्बर जिसपर ना जाने कितने महीनों से बात नही हुई, हर रोज़ उसे एक बार डायल करने की कोशिश जरूर करता हूं लेकिन कॉल डिटेल्स देखकर वापस आ जाता हूँ और कोसता हूं खुद को कि मैं अभी तक इसे भूला क्यों नही...जब किसी की तरफ दिल ज़रा सा झुका जाता है तो तुम्हारी आखिरी चैट और मैसेजेस पढ़ लेता हूं ये मुझे एहसास दिलाते है कि किसी से मोहब्बत क्यों नही करनी चाहिये...तुम्हारे शहर का नाम सुनते ही याद आ जाते हैं मुझे वो सारे ख्वाब जो उसी शहर की किसी ट्रेन के नीचे कुचल कर दम तोड़ चुके है...
अब व्हाट्सअप का लास्ट सीन हाईड करके नही रखता मैं क्योंकि तुम्हारे दिए जख्मो को छुपाने के सिवा अब छुपाने को कुछ नही है मेरे पास...
वो पल जब दशहरे के करीब आँगन में बारिश में तुम्हारा भीगना उस समय दुनिया की सबसे सुंदर लड़की लग रही थी तुम, तुम्हारी वो हरे रंग की टी शर्ट और उस पर काले रंग की स्कर्ट ,और उस पर सोने से सुहागा तुम्हारे पैरों की पायल,वो फ़ोटो आज भी गैलरी में पड़ी हैं वो तुमको तोहफे में दिए इयररिंग और उनको खरीदना पुछो मत शायद उससे आसान उस टाइम UPSC थी ....ये यादे, ये किस्से, ये बेरुखी, ये दर्द,और मैं सब खत्म हो जाएंगे ,आहिस्ता-आहिस्ता..!!🖤

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