अधूरा इश्क़ भाग-2

अधूरा इश्क़ भाग-2

एक लडके की अजीब और कसक से भरी वो कहानी याद है? वो आँखो के सामने अपने ही किसी रिश्ते मे पत्नी के रूप मे देखनी पडती है उस लडके को हर रोज और हर रोज वो थोडा थोडा मर जाता है अंदर ही अंदर और रौंदता है अपने ही जज्बातो को..

अब बस कल की ही तो बात लगती है जब वो चली गयी थी मेरी जिंदगी से मगर होकर भी ना होना और ना होकर भी आँखो के सामने किसी और रिश्ते की मर्यादा निभाते देखना उसको कितना अजीब सा अनुभव है ये..भुलाने की कोशिशे करता है तो हर बार सामने आ जाती है..❤

कितनी पीडा से गुजरता होगा वो एक सामान्य सा दिखने वाला लडका..जो अपने ही प्रेम को हर रोज अपनी आँखो के सामने किसी और की बाँहो मे..बडी हिम्मत चाहिए होती है..मानसिक अवसाद की पीडा और ये सब आँखो के सामने होना और बस चुपचाप खडे खडे देखते रहना सदैव पीडादायक है..

खैर अब कल जब उसका जन्मदिन है तो सोचा की कुछ लिख दू उसके लिए तो महज एक शब्द कौंधा दिमाग मे और वो था की काश तुम मेरी होती..काश तुम्हारा ये प्रेम..ये वक्त और ये स्पर्श करने का अधिकार मेरे हिस्से मे आया होता और आया होता बेहिसाब प्रेम..❤

मै चाहे जो महसूस करूँ मगर चाहता हूँ तुम हमेशा खुश रहो और खुश रहो उसके साथ जिसको तुमने चुना है और चुनाव तुम्हारा है तो बेशक गलत नही होगा मगर मुझसे ये सब अब बर्दाश्त नही होता मगर मै कर भी क्या सकता हूँ सिवा देखने के..क्यूँकि खुशी तुम्हारी ही ज्यादा जरूरी रही है मेरे लिए..

तो सुनो खुश रहा करो..मेरे जैस प्रेमी कम मिला करते है आजकल..ये तारीफ नही बस हकीकत के कुछ पन्ने है जो लिखे गये है तुम्हारे प्रेम की अमिट स्याही से और इस कदर लिखे गये है रोज आँसुओ से धो धोकर देखा है मगर रच गये है ये निशान तुम्हारे कदमो के मेरे दिल पर..❤

जो ना कभी मिटे है और ना मिट पायेगें और शायद अब यही जीवन है..कुछ मरहम वक्त के हाथो मे होते है जैसै की तुम्हारा किसी और का होना और हर रोज मेरा तुमसे किसी और रूप मे आमना सामना होना..अभी यही शायद आखिरी मंजिल है..

खैर अबकी बार और सही..और फिर और सही .एक बार फिर सही..मोहब्बत तेरी मेरी फिर नाकाम सही..गैर अपने और मै अब गैर ही सही..❤

Happy Birthday Babu
Love U So Much ever & forever

नोट- पोस्ट बीते 1 दिन पहले की लिखी हुई है..!!

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बीतें लम्हें

ज़िन्दगानी

I always treated you as my future