आंखों के मोती

तुमको पता है ना अब मैं रोता नहीं हूँ
बस कभी कभी कुछ गाने सुनकर याद आ जाते हो तुम,फिर आंखें नशे में डूबकर सारी बातें खंगोल देती है,फिर पता नहीं कैसे छोटी छोटी बूंदें आंखों से झांक रही होती हैं
मैं कहानियाँ सोच रहा होता हूँ 
पता नहीं सारी कहानियों में तुम्हारे जैसे एक लड़की आ जाती है ,मुस्कुराता हूँ उसे देखकर
कुछ लिख भी लिख लेता हूँ ,लेकिन खत्म होने के बाद उस कहानी के एक खामोशी सी रह जाती है
लेकिन मैं अब रोता नहीं हूँ
कुछ गाने हैं जो मुझे बेहद पसंद है 
और क्यों पसंद है इसका जवाब शायद मुझे नहीं पता,बस जब सुनता हूँ उन्हें तो तुम्हे महसूस करने के बहाने ढूंढता हूँ,मुझे पता है जब तुम ये पढोगे तो तुम गानों के नाम जानना चाहोगे लेकिन माफ करना अभी से ही पता नहीं सकता
पता है तुमको मजबूर हो जाती हैआंखे खुद से
भर के आंसू इतने सारे फिर कुछ कह नहीं पाती मुझसे,और फिर कुछ बूंदे झांक रही होती है इन आँखों से
मुझे नहीं पता हमारा ये रिश्ता सही था या नहीं लेकिन हां बस जितना आज कहा था ना उन कही बातों को याद रखना दिल से निकला हर लफ्ज़ एक दम सच है बाकी अभी क्या क्या कहूँ तुम्हारे बारे में,अपने प्यार के बारे में.....
किसी की कहानी से

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