तुम्हारी यादें
याद केवल याद रह जाती है,
जिंदगी तो चलती ही जाती है,
तुम नही हो तो भी मेरे पास हो,
हर लम्हे मे मेरे साथ हो,
इरादा जो तय किया था साथ तुम्हारे,
करने हैं पूरे वो काम हमारे।
तुम होते तो ख़्वाहिशें जिंदा रहतीं,
तुम नही हो तो ख्वाब जिंदा हैं,
मेरे होने मे तुम्हारा साथ कितना है,
ये मुझसे बेहतर जानता कौन है,
तुमसे ज्यादा मुझे पहचानता कौन है,
अब सब अधूरा है न कुछ अच्छा है न बुरा है,
जीवन मे अकेले बढते जाना है,
जो इरादे तुम्हारे साथ तय किए थे,
उसे पूरा करते जाना है बस बढते जाना है।
साभार -अनुज श्रीवास्तव
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