“उनका जन्मदिन”

जो इश्क़ अधूरा रह जाए तो खुद पे नाज़ करना,
कहते हैं सच्ची मोहब्बत कभी मुकम्मल नहीं होती 


यदि मैं अपने अधूरें अफसाने को सच्ची मोहब्बत का नाम दूं तो इसे मेरा दुस्साहस समझ कर माफ करना और यकीन मानों तुम्हें यदि मेरी बातें दुःख पहुंचाती हो तो बस यहीं दुआ करूंगा तुम मुझें भूल जाओं क्योंकि मैं तुम्हें कभी सपनें में भी दुःख तो क्या दुःख की परछाई भी नहीं पड़ने देना चाहता लेकिन साथ ये भी मानता हूं सच्चा इश्क कभी मुक्कमल नहीं होता और मुझें तुम क्यूं नहीं मिली शायद ईश्वर को मुझसें इर्ष्या हो गई थी मैनें उनकी जगह तुम्हें जो मेरे भगवान का दर्जा दे दिया था आमतौर पर लोग खुशी के पलों या दुःख के क्षणों में ईश्वर को याद करते हैं पर मुझें तुम्हारे अलावा किसी का ख्याल भी ना था हर क्षण , हर पल मैं तुम्हें ही याद करता था और खुश होनें तुम्हें याद कर रो लिया करता था और दुःखी होने पर तुम्हारे पास होने के एहसास को महसूस कर मुस्करा दिया करता था ईश्वर को शायद तुम्हारी बंदगी से ईष्या हो गई थी इसलिए उन्होंने हमारा प्यार मुक्ममल नहीं होने दिया परंतु 
इश्क तभी पूरा होता हैं जबकि आशिक इश्क में फना होता हैं और प्रकृति में सच्चे इश्क दास्तां पंतगें के दीये में फ़ना होकर ही मुक्ममल होती है और मैं भी तुम्हारी यादों में खुद को जर्रा जर्रा पिछलें छः सालों से फना कर रहा हूं और क्या कहूं उसके लिए जो मेरा खुदा हैं क्या दुआ मांगू अपने खुदा के लिए और मुझें कहना ही क्यों कुछ तुम मेरी खुदा आज भी हो शायद मन में छुपी अनकही बातों को समझ सको ... 
Happy Birthday

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