“हमारी कहानी”

मैं खुशकिस्मत था
कि तुमसे प्रेम करने के लिए
ईश्वर ने मुझे चुना
लेकिन मैं ईश्वर का एहसान मंद भी होता
अगर मुझसे प्रेम करने के लिए
उसने तुम्हें चुना होता...

खैर अब इन बातों से कुछ खास नही लेना देना मेरा लेकिन ना जाने हमेशा तुमसे बात करने को जी चाहता है, तुम्हारी फोटोज को बात करते समय कम से कम 20 से 30 बार देखता हूँ वो भी ज़ूम करके..
वो तुम्हारी आंखे उनमें एक अलग बी नशा है अभी भी जो सामने बैठकर देखते टाइम पता नही क्या हो जाता है कि फिर खुद के प्यार पर काबू करने मुश्किल लगने लग जाता है..।।
ये माथे पर छोटी सी बिंदी ना दिल मे उतर जाती है और चेहरे की तुम्हारी हंसी पूछो ही ना
तुम्हारा मुझे यूँ बात बात पर “हीरो” कहना एक अलग ही फीलिंग्स होती है और फिर तुम मेरी बात पर हूँ हूँ हूँ ,अच्छा अच्छा करना ये सब सुनके ना कभी कभी बहुत गुस्सा आती है खुदपर कि क्यों मेरे ही ज़िन्दगी में ऐसा करना था,मेरे साथ ही ऐसा ...
To be Continued...

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