मेरा प्रेम
रोज सुबह उठकर सबसे पहले तुम्हारी फ़ोटोज देखना फिर किये और आये हुए मैसेंज को देखना फिर तुम्हारी व्हाट्सअप की DP देखना और फिर ओझल सी हुई पुरानी कॉल हिस्ट्री में तुम्हारा नंबर देख कर चेहरे पर मुस्कान का आना और बाद में लंबी सांस लेते हुए तुम्हें अपने सामने तुम्हें महसूस करना ही “मेरा प्रेम” है___
अब तो शायद यही रोज का हो गया है आदत सी बनती जा रही हो तुम
~आदित्य श्रीवास्तव~
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें