“इंतजार का सफर”

"इंतजार का सफ़र.."
जब कोई अपना हमसे बिछड़ जाए,जब अपनी मोहब्बत जताने के वक़्त गुजर जाए ,जब लौट आने की कोई उम्मीद नजर ना आये ,जब हर कोशिश मुकम्मल होने से मुकर जाए ,और जब मोह्हबत दीवानगी की हद पार कर जाये ...तब शुरू होता है सफ़र इंतजार का
सच कहूँ तो उस सफर में हम अनजान होते हैं ,हम इश्क़ में खुद को उस मुक़ाम तक ले जाते हैं जहांइश्क़ का खूबसूरत एहसास हर मोड़ पर हमें तकलीफ़ और दर्द देने लगता है..और जिसका इंतजार होता है उसको खबर तक नहीं होती और ना ही अंदाजा होता है कि वो हमारे लिए कितना जरूरी है.....

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