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जून, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

“मौजूदा हालात”

जब किसी वस्तु के खोने का डर जब हमारे दिल से निकल जाता है ना, तब उससे जुडी हर भावना मे कटौती होने लगती है ऐसा इसलिए होता है क्योकि बहुत ध्यान रखने के बावजूद भी वो कई बार हमसे दूर हो चुका होती है और हमे उसके दूर होने का अनुभव हो चुका होता है ! ठीक ऐसा ही प्यार में भी होता है, बार-बार किसी व्यक्ति द्वारा अनुचित व्यहार और अलगाव होने पर भावना मे कटौती होने लगती है! ऐसा इंसानी प्रवत्ति के कारण होता है, यह होना स्वाभाविक है, इसमे कोई दोराय नही है! ना ही किसी की गलती क्योकि सामने वाला अपनी आदते नही बदलता लेकिन उसकी वजह से बदल जाती है उसे चाहने वाले की भावनाएं और भावनाओ के बदलने पर बदलता है इंसान का स्वभाव! धीरे धीरे वो सामने वाले इंसान के प्रति भावशून्य हो जाता है,  फिर वो पहले जैसा नही बन पाता कभी नही बन पाता ❣️....

“उनकी नई ज़िन्दगी”

आज भी जो वो दिन याद आता है ,जब वो जयमाल पर अपने होने वाले पति के गले मे वरमाला डाल रही थी।हम भी वही खड़े थे लोगो में सबसे पीछे, उस भीड़ का हिस्सा बने हुए थे जो शोर मचा रही थी,जो दूल्हे के गर्दन में वरमाला डालने के बाद ताली बजाती है!उसी भीड़ का हिस्सा था मैं।उस समय शायद वो व्यस्त थी अपनी नई जिंदगी के पहले चरण के बेहतरीन लम्हों में ।।उसके चेहरे की वो अलग वाली खुशी सिर्फ मैं देख पा रहा था।वो अपने फोटो सेशन में बहुत बिजी थी,सब आशीर्वाद दे रहे थे सब फ़ोटो खिंचवा रहे थे।वो भी नए नए पोज़ में बहुत खुश थी ।।❤️ मैं बहुत हिम्मत करके बाहर चला आया।मेरा दिमाग वहाँ  से जाने को कह रहा था लेकिन मेरा दिल इसकी इजाजत नही दे रहा था। मैं बाहर आकर एक बेंच पर बैठ गया,अब मेरे दिल का सारा दर्द मेरे आंखों के साथ बाहर आ रहा था,मैं बेतहाशा रो रहा था।मुझे किसी की भी सुध नही रही।उसके साथ बिताए हुए सारे पल,उसकी सारी बाते मुझे याद आ रही थी जो मुझे बहुत रुला रही थी।💔 वो जब खाने बैठी, लोग बधाईया दे रहे थे,फ़ोटो खिंचवा रहे थे।संयोग वश मैं भी वही था उसकी नजर मुझपर पड़ी वो एकटक मुझे देखे जा रही थी,मैं जाना चाहता था वहाँ से उ...

अधूरा इश्क़ भाग-2

अधूरा इश्क़ भाग-2 एक लडके की अजीब और कसक से भरी वो कहानी याद है? वो आँखो के सामने अपने ही किसी रिश्ते मे पत्नी के रूप मे देखनी पडती है उस लडके को हर रोज और हर रोज वो थोडा थोडा मर जाता है अंदर ही अंदर और रौंदता है अपने ही जज्बातो को.. अब बस कल की ही तो बात लगती है जब वो चली गयी थी मेरी जिंदगी से मगर होकर भी ना होना और ना होकर भी आँखो के सामने किसी और रिश्ते की मर्यादा निभाते देखना उसको कितना अजीब सा अनुभव है ये..भुलाने की कोशिशे करता है तो हर बार सामने आ जाती है..❤ कितनी पीडा से गुजरता होगा वो एक सामान्य सा दिखने वाला लडका..जो अपने ही प्रेम को हर रोज अपनी आँखो के सामने किसी और की बाँहो मे..बडी हिम्मत चाहिए होती है..मानसिक अवसाद की पीडा और ये सब आँखो के सामने होना और बस चुपचाप खडे खडे देखते रहना सदैव पीडादायक है.. खैर अब कल जब उसका जन्मदिन है तो सोचा की कुछ लिख दू उसके लिए तो महज एक शब्द कौंधा दिमाग मे और वो था की काश तुम मेरी होती..काश तुम्हारा ये प्रेम..ये वक्त और ये स्पर्श करने का अधिकार मेरे हिस्से मे आया होता और आया होता बेहिसाब प्रेम..❤ मै चाहे जो महसूस करूँ मगर चाहता हूँ तुम हमेशा ...

अधूरा इश्क़ भाग -1

अधूरा ईश्क ❤ कुछ मोहब्बत की कहानियो को वक्त की उडती धूल ने धुंधला जरूर कर दिया है मगर ऐहसासो की मौत होना इतना सरल कहाँ..वो लडकी जिसने कभी बस यूँ ही चलती जिंदगी मे दबे पाँव दस्तक दी और मेरा सर्वस्व बस वो ही बन गयी..ये  जरूरी तो नही की ईश्क की हर कहानी उकेरी जाये.. स्याह होते अक्षरो और बदरंग होते डायरी के महज चंद पन्ने उनके साक्षी हो..और कितना कुछ है मेरे इस जहन मे जो कभी मै बयां ना कर सका..एक टीस है जो सिर्फ तेरे हाथो मे अपना हाथ आज भी देखना चाहती है..तुझे सिर्फ और सिर्फ खुद के लिए चाहना कुछ गलत तो नही..मगर अब शायद वो वक्त भी नही..❤ मेरे शब्दो मे इतना सामर्थ्य नही जो मेरी हर साँस के साथ आती तेरी उस खूशबू और तेरे होने को बता सके..समझा सके..माना की अब दूरियाँ तो नही है मगर अब तू मेरा भी तो नही..दिल के बोझ और उठती पीड को मैनै जैसै तैसै सँभाला है..जाते देखा है मैने तुझे किसी गैर के साथ सात फेरो मे बँधकर.. यूँ ही तो नही मेरी मुस्कुराहट मे छुपा दर्द मैनै सँभाला है..माना की रिश्तो की इस डोर मे जब जब तेरा मुझसे यूँ हर बार सामना होता है..नजरे चुरा लेता हूँ मै क्यूँकि वो हाथ अब किसी और के हाथ...