"एक वक्त था”
एक वक़्त था ! जब मेरी ख़्वाहिशों की कतार बहुत लंबी थी ! जब मुझे तुम भी चाहिए थी और तुमसे जुड़े हर एक हक़ भी ! एक वक़्त था ! जब मैं हर रोज सपनों में जिया करता था ! जब मेरी हर सुबह तुमसे होती थी , और शाम तुमपे ख़त्म ! एक वक़्त था , मैं बदतमीज़ था काफी , मुझे समझ नहीं थी हर उस चीज़ की जो मेरे पास थी ! तुम भी थे उसमें से एक ! तुम्हारा होना जैसे मेरे लिए एक आदत सी थी ! जैसे जीवन के लिए साँस , गीत को आवाज़ , दिन को रात , तुम कुछ ऐसे ही ...