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“कल्पनाएं और तुम”

जीवन में एक समय उपरांत बातें महत्व नहीं रखती कदाचित मौन अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है महत्वपूर्ण हो जाता है आंखों से आंखों की बात होना महत्वपूर्ण हो जाता है हांथों का हांथों से स्पर्श महत्वपूर्ण हो जाता है तुम्हारे साथ किसी वाहन पर चुपचाप रात भर सड़कें नापना। बातों की आयु अधिक नहीं होती बातों से बातों में होने वाला प्रेम अधिक नहीं जीता प्रेम का परिपक्व होना ही उसका मौन सुनिश्चित करता है, इस क्षण जब रात अपनी मृत्यु की ओर शांति से बढ़ रही है हेडफोन पर किसी एक ही गाने को अनगिनत बार लगातर सुनते हुए मुझे तुम दिखती हो, मुझे दिखता है की कैसे हम दोनों तुम्हारी पसन्द की होंडा सिटी में बैठकर पूर्णिमा की रात भर इस गीत को सुनते हुए तुम्हारी मनपसंद गलियों तुम्हारी मनचाही सड़कों को पार कर रहे हैं। पर यह सब स्वप्न हैं मेरे बचकाने स्वप्न चुपचाप खुली आंखों से देखे स्वप्न, मैं सदैव सोचता हूं की खुली आंखों से देखे स्वप्न हम परिपूर्ण कर सकते हैं हम प्रयास कर सकते हैं उन स्वप्नों की नकल करने का यद्यपि अभी मेरा स्वयं से होंडा सिटी लेना शेष है अभी शेष है मेरा तुमसे मिलना अभी शेष है हमारा आंखों आंखों में बात करना अ...

“मेरा लिखना तुम्हारा पढ़ना”

तुम्हारा ❤ मेरे लिखे शब्दो को एक तेरा इस कदर गौर से पढना..हर बार मुझे मेरे ही लिखे शब्दों मे अपनी बात कहकर नयापन लाना..हर बार निखर कर मेरे सामने मेरी ही कल्पना को साकार कर देना..❤ ईतना ठहराव..ईतनी गहनता..और तुम्हारे प्रेम की अद्वितीय प्रगाढता मुझे बोझिल होने से रोकती तुम्हारी ये बाते..कितना सुखद अनुभव है जब मेरे लिखे शब्दों को मायने तेरी बातो से होते है.. सिर्फ पढना तो हर क्षण हर किसी से महसूस किया है मैनै..मगर एक तेरा बिना कुछ बोले मुझे समझा देना..मेरी ही हर कृति को मुझसे बेहतर समझना..मेरी हर पीडा और प्रेम को यूँ विभाजित कर उसमे से सिर्फ पीडायुक्त प्रेम को चुनना..❤ विरह..प्रेम..और उस हर ऐहसास को मुझसे बाँटना..जो कभी हमने साथ मे जिया..महसूस किया..बस तुम पढो और मै लिखता रहूँ..और बस तुम्हारा और सिर्फ तुम्हारा होकर रहूँ..❤ काश..कुछ ऐसा हो..❤ इतवार और तुम्हारा ख्याल ❤